वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में : Varsha Ritu Par Nibandh In Hindi (2024)
दोस्तों आज हम आप सभी के लिए वर्षा ऋतु पर बहुत ही कम शब्दों में बहुत ही सुंदर निबंध लाया हूं। आप इसे अपने स्कूल कॉलेज में या कोई एग्जाम में भी इसे लिख सकते हो आपको अच्छा खासा अंक प्राप्त होगा तो नीचे दिए गए निबंध को आप जरूर लिखें धन्यवाद।
वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में
वर्ष में प्राणी आनंद से फूल नहीं समाते। प्राकृतिक के विस्तृत आंचल में हरिन छलांग भरते दिखाई पड़ते हैं तो पक्षिगण अपने कल राहु से वर्षा ऋतु की उदारता के गीत गाते हैं। रंग बिरंगे पक्षी तालाबों में स्थान पाकर आनंद से सा चाहते हैं। उनके झूम से हुए शरीर में प्रफुल्ल का संचार हो जाता है। सभी जीव जंतु आनंद का अनुभव करते हैं और यातायात पत्र बिहार करते हैं। वैसे समझते हैं कि वर्ष की कृपा से कुछ ही दिनों में पृथ्वी तीन अच्छा दीप हो जाएगी। ऐसा प्रतीत होता है मानो पृथ्वी अपने अनुराग पाक पर बिखर रही है।
वर्ष होते ही प्रकृति लाल उठाती है। वृक्ष, जुल्मी लताओं में नवजीवन का संचार हो जाता है। जलवृष्टि से उनमें हरियाली आ जाती है और कोमल कोपल निकलने लगती है। नए-नए अंगूर निकाल निकाल कर वर्ष के प्रति अपना लगाओ प्रकट करते हैं। मेघना द्वारा स्नान कराए हुए वृक्ष अपने भाई-बहन में दृष्टिगोचर होते हैं। उसके जीवन की उमंग पत्ते पत्ते पर देखी जा सकती है। वर्षा विहार अत्यंत आनंद दायक है। जलवृष्टि होने के पश्चात प्रकृति का दृश्य चिंता कृष्ण बन जाता है। तालाबों में मेंढक ट्रैक्टर का राज अल पटे हैं अन्य पक्षियों का मधुर स्वर हृदय में सैनिक भाव जागृत करता है। वन पशु जंगल में हरी घास चढ़ते हुए दिखाई पड़ते हैं। उनके पुल पर चित और उनकी प्रशंसा उन्हें देखकर ही समझी जा सकती है।
पर्वतों का दृश्य वर्ष से दर्शनीय बन जाता है। किसी पर्वतमाला के उच्च श्रृंग पर चढ़ जाइए तो तब पृथ्वी तल की ओर दृष्टिपात कीजिए। नि र्झरों की कलकल ध्वनि और प्रभाव का वेग संपन्न जल प्रवाह अत्यंत शुक्र प्रतीत होता है।
वर्ष होते ही प्रकृति का पुरोहित किसान अपने कंधे पर हाल रखकर खेतों की ओर चल देता है। गांव में जिधर देखिए किस अपने बैलों के साथ खेत में जुटा हुआ है। उसे तो सिगरा टी सिगरा बीज डालना है। अन्यथा धरती माता रूठ जाएगी तो उसका किया कराया मिट्टी हो जाएगा। एक दिन भी पीछे जाना उसके लिए आहार है क्योंकि खेती ही उसके जीवन का मूल आधार है। भारतीय किसानों की स्कूटी वर्ष के पश्चात भली भांति देखी जा सकती है। पुरानी मंत्र का जीवन धन वर्षा है। जलवृष्टि होते ही पृथ्वी पर हलचल मत जाती है। कृषक अपने हर बेल के साथ खेतों में दिखाई पड़ते हैं और नाना भांति के जीव जंतु अपनी गति तथा स्वर से मनुष्यों को मुक्त कर देते हैं।
इसी प्रकार यह वर्षा ऋतु का निबंध समाप्त हुआ। धन्यवाद।
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