26 जनवरी पर भाषण हिंदी में 2024 | 26 January Par Bhashan 2024: अगर आप 26 जनवरी के शुभ अवसर पर स्कूल, कॉलेज, कोचिंग में भाषण देना चाहते हो तो आपके लिए यह बहुत ही प्यारा भाषण है तो आप इसे अच्छी तरीका से पढ़ के लिखिए और अपने स्कूल, कॉलेज तथा कोचिंग में भाषण दीजिए। भूषण को किस प्रकार बोलना है वह सभी बात अभी मैं आप लोग को बताने वाला हूं तो शुरू से अंत तक जरूर पढ़िएगा।
10 Lines On Republic Day In Hindi
1. गणतंत्र दिवस से हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।
2. गणतंत्र दिवस भारत में एक राष्ट्रीय त्योहार है।
3. इस दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था।
4. संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है।
5. इस दिन भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश बना था।
6. इस दिन सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ स्कूल को ले जो भी बंद रहते हैं।
7. हमारे स्कूल और अन्य जगहों पर राष्ट्रीय ध्वज लहराया जाता है।
8. दिल्ली में सभी राज्यों ने भव्य परेड में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।
9. हर साल पूरे देश में इस दिन को बहुत ही गर्व और खुशी के साथ मनाया जाता है।
10. यह एक ऐसा दिन है जो प्रत्येक भारतीय नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।
26 जनवरी पर भाषण हिंदी में 2024 | 26 January Par Bhashan 2024
श्रीमान प्रधानाध्यापक जी,
अतिथिगण, शिक्षक गण और मेरे प्यारे बच्चों। सबसे पहले मैं आप सभी को गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। आशा करता हूं कि आप सभी भली भांति जानते होंगे कि आज हम सब यहां 26 जनवरी को हर साल इसलिए बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं क्योंकि इस दिन भारत को एक लिखित संविधान के रूप में कानून और अधिकार प्राप्त हुए थे। यूं तो भारत 1947 में ही एक आजाद देश बन गया था लेकिन 26 जनवरी 1950 की दिन इसे एक लोकतांत्रिक देश का दर्जा दिया गया। इसके परावर्तन के बाद भारत संघ आधिकारिक तौर पर समकालीन गणतंत्र भारत बन गया, जिसने भारत सरकार अधिनियम 1935 को मूलभूत शासकीय दस्तावेज में बदल दिया था। हमारे देश को संविधान द्वारा एक संप्रभु, निरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था। हमारा संविधान भारत के नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता और उसके बीच समानता के बारे में आश्चर्य करता है भारत के संविधान के अनुसार सभी भारतीय एक समान के दर्जे के हकदार है भले ही वह किसी भी जाती, धर्म या लिंग से संबंध रखते हो। इसलिए भारत को विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र माना गया है।
लेकिन चिंता के विषय यह है कि भारतीय नागरिक अपने कर्तव्यों को भूलते जा रहे हैं। जिसके रहते देश से हजारों लोग पलायन कर रहे हैं, विभिन्न कर्म से देश छोड़ रहे हैं क्योंकि हर कोई भ्रष्टाचार के पीछे पागल है। कुछ ही लोग हैं जो इमानदारी के साथ अपना काम कर रहे हैं जिसके कारण नागरिक अपने देश में सुरक्षित भविष्य का अनुभव नहीं कर पा रहे हैं। चीजों को सही बनाने की कोशिश करने के बजे एक और रास्ता अपनाते हैं जहां उन्हें लगता है की चीज से भागना एक खुशहाल जिंदगी जी ने का सबसे अच्छा तरीका है। कम से कम भारत की आबादी को सामाजिक क्षति से मुक्त रखने का प्रयास करना चाहिए। यह हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह भारतीय संविधान मर्यादाओं को कायम रखने की हर संभव कोशिश करें। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें आजाद करवाने के लिए लाखों प्रयास किए हैं। इसलिए हमें उनकी मेहनत को बेकार नहीं जाने देना चाहिए और अपने देश के विकास की ओर कदम बढ़ाने चाहिए।
हमारा देश के लिए पहला कदम तब होता है जब हमारा कीमती वोट डालकर किसी नेता को विजई बनाते हैं। गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और केवल जनता को अपने प्रतिनिधियों को राजनीतिक नेता के रूप में चुने का अधिकार है जो देश को सही दिशा में ले जाए। गणतंत्र हमें समानता और बाकी सभी अधिकारों से परिचित करवाता है। यह केवल मेरी जाती राय नहीं बल्कि मतदान के अधिकार और चुनाव के महत्व पर जोर देते हुए, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कहा था कि एक चुनाव सिर्फ एक नागरिक अभ्यास नहीं होता बल्कि एक चुनाव ज्ञान और कार्रवाई के लिए एक सामूहिक आहान है। इसी के साथ उनके पिछले वर्षों के भाषण में भी सुनने को मिला था कि नवीकरण सजा और संता वादी समाज के लक्षण और आशाओं के लिए एक पूर्ण मिलन का प्रतिनिधित्व करता है।
क्योंकि इस दिन भारत को पूर्ण स्वराज मिला था, इसलिए हम इस दिन के महत्व को बिल्कुल भी जानकारी नहीं सकते। इस दिन राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में राजपथ पर एक मुखी उत्सव मनाया जाता है, जिसका प्रतिनिधित्व भारत के राष्ट्रपति और एक अन्य किसी देश के मुख्य अतिथि करते हैं भारत को श्रद्धांजलि देने के लिए राजपथ पर एक भव्य समारोह आयोजित किया जाता है। आज के दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाती है और फिर राष्ट्रीय गण गया जाता है। भारतीय सशक्त बलों द्वारा एक विशाल परेड भारत के राष्ट्रपति और मुख्य अतिथि के सामने आयोजित की जाती है। केवल वही नहीं बल्कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भी हमारे लिए बहुत कुर्बानियां दी है। अपने जान के प्रति उनके बलिदान को हम कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां संघर्ष के बिना जी सके और देश आगे बढ़े। हमें ऐसे महान अवसरों पर उन्हें याद करना चाहिए और उन्हें सलाम करना चाहिए।
आज के दिन हम उन महान व्यक्तियों को भी सलाम करते हैं जिसके कारण इस संविधान को बनाने का सपना संपूर्ण हुआ। इसका सबसे ज्यादा श्री श्री भीमराव अंबेडकर जी को दिया जाता है जिन्होंने भारतीय संविधान की रचना के प्रमुख कर्तव्यों को अपने हाथों में लिया और इसे भली-भांति संपन्न भी किया। संविधान की प्रारूप समिति में केवल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ही नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू, गणेश वासुदेव मावलंकर, सी राजगोपालाचारी, सरदार वल्लभभाई पटेल, संजय काफी, राजेंद्र प्रसाद, बलवंत राय मेहता, नलिनी रंजन घोष, कन्हैया लाल मुंशी इत्यादि महान व्यक्ति शामिल थे। आज इन्हीं लोगों की बदौलत ही या संभव हो पाया है कि हम अपने मन में सोच सकते हैं और किसी के बल के बिना अपने राष्ट्र में स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं।
हम सभी को स्वतंत्रता सेनानियों और हमारे महत्वपूर्ण नेताओं से प्रेरणा लेने की कोशिश करनी चाहिए जिन्होंने संभव चीजों को संभव करके एक मिसाल कायम की है। क्योंकि अभी आप वोट डालने या नेता चुनने में अपनी भागीदारी नहीं निभा सकते लेकिन आप अपने घर वालों को भ्रष्टाचार से दूर रहने की शिक्षा तो दे ही सकते हैं। यही नहीं, हालांकि हमें जहां भी आवश्यक हो, अपनी राय देने में भी अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए ताकि हम अपने देश को सामाजिक अन्याय और समस्याओं से मुक्त रख सके। छात्र होने के नाते यह काफी स्वाभाविक है कि आप अपने देश के प्रतिनिष्ठा कैसे दिखाएं। उसके लिए आप पढ़ाई में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके देश के प्रति योगदान को समर्पित कर सकते हैं।
इसी के साथ मैं आप सबको गणतंत्र दिवस की एक बार फिर से बधाई देता हूं और मुझे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका देने के लिए आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं।
जय हिंद।
गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में | Republic Day Essay 10 lines in Hindi