देशभक्ति कविता बच्चों के लिए: Desh Bhakti Kavita In Hindi /Desh Bhakti Poem In Hindi

देशभक्ति कविता बच्चों के लिए: Desh Bhakti Kavita In Hindi /Desh Bhakti Poem In Hindi

 

 

अगर आप भी अपने स्कूल कॉलेज में 15 अगस्त या 26 जनवरी के शुभ अवसर पर कविता बोलना चाहते हो तो यह प्यारा सा कविता अपने स्कूल के मंच पर जरुर बोलिए।

 

26 जनवरी देशभक्ति कविता:-

 

हम बच्चे हंसते गाते हैं।

हम आगे बढ़ते जाते हैं।

पथ पर बिखरे कंकर कांटे,

हम चुन-चुन दूर हटाते हैं।

आए कितनी भी बढ़ाएं,

हम कभी नहीं घबराते हैं।

धन दौलत से ऊपर उठकर,

सपनों के महल बनाते हैं।

हम खुशी बांटते दुनिया को,

हम हंसते और हंसते हैं।

सारे जग में सबसे अच्छे,

हम भारतीय कहलाते हैं।।

 

https://youtu.be/Yud0fyRFcQo?si=T5EncwXvRlYgHcOx

 

Short Desh Bhakti Poem in Hindi

 

तीन रंग का वस्त्र नहीं,

यह ध्वज की शान है।

हर भारतीय के दिलों का स्वाभिमान है।

यही है गंगा, यही है हिमालय,

यही हिंद की जान है। और तीन रंगों में रंगा हुआ ये

अपना हिंदुस्तान है।।

 

एक कलम की देशभक्ति ( कविता)

 

यूं तो लिखती हूं मैं बहुत कविताएं,

पर जब देशभक्ति पर लिखती हूं मैं,

लिखने से पहले ही टूट जाती हूं अंदर से मैं,

अगर लिख भी दूं मैं टूटी कलम से,

तो वह पन्ने फट जाते हैं,

जिस पर दिखाना चाहती हूं मैं,

अपने देश के उन सपूतों की गाथा,

कहती हूं मैं अपने लिखने वालों से,

मुझ में अब बस रक्त भरा है,

कैसे कहूं मैं उसे बेटी पत्नी मां की व्यथा,

जो अपने वीर को तिरंगे में लिप्त देखेगी,

उसे आंसू के कैसे लिखूं मैं,

जो स्याही थी बन गए लाल रक्त,

अब तो बहुत खून बहा मेरे देश का,

अब मैं फिर से स्याही बनना चाहती हूं,

अब बंद करो यह नफरत जो तुम बहती है,

जो कहते हैं कि इससे जन्नत मिलती है,

कोई जाकर समझाओ उनको,

जन्नत तो मानवता में बसती है।।

 

 

जब भारत आजाद हुआ था (कविता)

 

जब भारत आजाद हुआ था,

आजादी का राज हुआ था,

वीरों ने कुर्बानी दी थी,

तब भारत आजाद हुआ था,

भगत सिंह ने फांसी ली थी,

इंदिरा का जनाजा उठा था,

इस मिट्टी के खुशबू ऐसी थी,

तब खून की आंधी बहती थी,

वतन का जज्बा ऐसा था,

जो सबसे लड़ता जा रहा था,

लड़ते-लड़ते जान गई थी,

पर भारत आजाद हुआ था,

फिरंगियों ने यह वतन छोड़ा था,

इस देश के रिश्ते को तोड़ा था,

फिर भारत को दो भागों में बांटा था,

एक हिस्सा हिंदुस्तान था,

दूसरा पाकिस्तान का लाया था,

सरहद नाम की रेखा खींची थी,

जिसे कोई पार न कर पाया था,

न जाने कितनी मानें रोई थी,

न जाने कितने बच्चे भूखे सोए थे,

हम सब ने साथ रहकर,

एक ऐसा समय भी काटा था,

वीरों ने कुर्बानी दी थी,

तब भारत आजाद हुआ था।।

 

दोस्तों आप लोग को या प्यारा सा कविता ऐसा लगा कमेंट करके जरूर बताइए।

 

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